दोंस्तों आज हम आपको इस लेख के माध्यम से करुण रस के बारे में बताएंगे. साथ ही इसकी परिभाषा क्या है और करुण रस के उदाहरण क्या है. इसके बारे में आपकों सम्पूर्ण जानकारी देंगे.
करुण रस की परिभाषा
करुण रस का स्थायी भाव शोक है.इसका प्रयोग किसी के लिए सहानुभूति एवं दया मिश्रित दुःख के भाव को प्रकट करने के लिये होता है. इसमें विभाव, अनुभाव व संचारी भावों के मेल से स्थायी भाव शोक का जन्म होता है.”
Bạn đang xem: करुण रस की परिभाषा और करुण रस के 20 उदाहरण
दूसरे शब्दों में समझें तो-जब प्रिय वस्तु या इष्ट वस्तु के नाश से जो क्षोभ होता है, उसे शोक कहते हैं. यही शोक नामक स्थायी भाव ज़बविभाव, अनुभाव और व्यभिचारी भावों के संयोग से रस रूप में परिणत होता है, उसे करुण रस कहा जाता है.
करुण रस के उदाहरण
अर्ध राति गयी कपि नहिंआवा. राम उठाइ अनुज उर लावा ॥ सकइ न दृखितदेखिमोहिकाऊ. बन्धु सदा तवमृदृलस्वभाऊ ॥ जो जनतेऊँ वन बन्धुविछोहु. पिता वचन मनतेऊँनहिंओहु॥
करुण रस के अवयव
स्थाई भाव- शोक आलंबन – प्रिय व्यक्ति की मृत्यु अथवा प्रिय वस्तु का नाश उद्दीपन – दाहकर्म,मृतशरीर, इष्ट के गुण तथा उससे सम्बंधितवस्तुए एवं इष्ट के चित्र का वर्णन अनुभाव- भूमि पर गिरना, नि: श्वास, छाती पीटना, रुदन, प्रलाप, मूर्च्छा, आदि संचारी भाव- निर्वेद, मोह, अपस्मार, व्याधि, ग्लानि, स्मृति, श्रम, विषाद, जड़ता, दैन्य, उन्माद आदि
करुण रस के उदाहरण
उदाहरण 1- ऐसे बेहाल बेवाइन सों पग,कंटक जाल लगे पुनि जोये. हाय! महादुख पायो सका तुम,ऐये इतै न किते दिन खोये.. देखि सुदामा की दीन दसा,करुना करिके करुनानिधि रोये. पानी परात का हाथ छुयो नहिं,नैनन के जल सौं पग धोये
उदाहरण 2- ” हा! वृद्धा के अतुल धन हा! वृद्धता के सहारे! हा! प्राणों के परम प्रिय हा! एक मेरे दुलारे! ”
उदाहरण 3- अभी तो मुकुट बंधा था माथ, हुए कल ही हल्दी के हाथ, खुले भी न थे लाज के बोल, खिले थे चुम्बन शून्य कपोल. हाय रुक गया यहीं संसार, बिना सिंदूर अनल अंगार बातहत लतिका वट सुकुमार पड़ी है छिन्नाधार..
करुण रस के उदाहरण 4- मम अनुज पड़ा है चेतनाहीनहोके, तरल हृदयवाली जानकी भी नहीं है. अब बहु दुःख से अल्प बोला न जाता, क्षणभर रह जाता है न उद्विग्नता से॥
उदाहरण 5- धोखा न दो भैयामुझे, इस भांति आकर के यहां मझधार में मुझको बहाकर तात जाते हो कहां
उदाहरण 6- तात तातहा तात पुकारी. परे भूमितल व्याकुल भारी॥ चलन न देखनपायउँतोही. तात न रामहिंसौंपेउ मोही
उदाहरण 7- हाय राम कैसे झेलें हम पनी लज्जा अपना शोक गया हमारे ही हाथों से अपना राष्ट्र पिता परलोक
करुण रस के उदाहरण 8- सोक बिकल सब रोवहिंरानि. रूपुसीलुबलुतेजु बखानी॥ करहिं बिलाप अनेक प्रकारा. परहिंभूमितलबारहिंबारा॥
उदाहरण 9- जथा पंख बिनु खग अति दीना. मनिबिनु फ़न करिबर कर हीना॥ अस ममजिवनबन्धु बिन तोही. जौ जड़ दैवजियावै मोही॥
Xem thêm : Essay On Dussehra In English For Children And Students
उदाहरण 10- राम-राम कहि राम कहि, राम-राम कहि राम. तन परिहरि रघुपति विरह, राउगयउसुरधाम॥
करुण रस के अन्य उदाहरण
उदाहरण 11- तदनन्तर बैठी सभा उटज के आगे, नीले वितान के तले दीप बहु जागे .
करुण रस के उदाहरण 12- हे आर्य, रहा क्या भरत-अभीप्सित अब भी? मिल गया अकण्टक राज्य उसे जब, तब भी?
उदाहरण 14- विस्तृत नभ का कोई कोना, मेरा न कभी अपना होना, परिचय इतना इतिहास यही उमड़ी कल थी मिट आज चली !
उदाहरण 15- हा ! इसी अयश के हेतु जनन था मेरा, निज जननी ही के हाथ हनन था मेरा .
उदाहरण 16- अब कौन अभीप्सित और आर्य, वह किसका? संसार नष्ट है भ्रष्ट हुआ घर जिसका .
करुण रस के उदाहरण 17- उसके आशय की थाह मिलेगी किसको? जनकर जननी ही जान न पायी जिसको?
उदाहरण 18- यह सच है तो अब लौट चलो तुम घर को . चौंके सब सुनकर अटल केकयी-स्वर को
Nguồn: https://nanocms.in
Danh mục: शिक्षा