देशभर में हर साल 26 जनवरी को पूरे जोश-उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाता है। इस साल देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाएगा। इस खास मौके पर हर साल इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक राजपथ पर भव्य परेड होती है। इस परेड में भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना की विभिन्न रेजिमेंट हिस्सा लेती हैं। ऐसे में ये सवाल आता होगा कि आखिर गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है, किसी दूसरे दिन क्यों नहीं? इसके पीछे बहुत ही रोचक इतिहास है। आइये जानते देश के गणतंत्र दिवस का पूरा इतिहास।
हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन पूरे देश में संविधान लागू किया गया है। 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू होने के साथ ही भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किया गया था। यही वजह है कि हर साल इस दिन 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। साल 1947 में भारत को मिली आजादी के बाद इसे लोकतांत्रिक बनाने के मकसद से देश का संविधान बनाना शुरू किया गया। 2 साल 11 महीने और 18 दिन में बनकर तैयार हुए भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 में देश की संविधान सभा ने स्वीकार किया। इसके बाद अगले ही साल 26 जनवरी, 1950 को पूरे देश में यह संविधान लागू किया गया था।
Bạn đang xem: Republic Day 2024: आखिर 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस? जानें इस तारीख के पीछे का इतिहास और महत्व
26 जनवरी को ही क्यों लागू किया गया संविधान?
26 जनवरी को संविधान लागू करने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की पूरी तरह से आजादी की घोषणा की थी। अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को भारत को पूरी तरह स्वतंत्र घोषित किया था। ऐसे में पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव लागू होने की इस तिथि के महत्व को ध्यान में रखते हुए संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन चुना गया। जिसके बाद 26 जनवरी 1950 में संविधान लागू करने के साथ ही देश को पूर्ण गणतंत्र घोषित कर दिया गया। तब से लेकर आज तक हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।
आजादी मिलने से पहले 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते थे। पूर्ण स्वराज की मांग करने के बाद जब आजादी मिली तो बाद में 26 जनवरी 1950 को संविधान को लागू किया गया और इस दिन को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया। भारत 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर एक गणतंत्र राष्ट्र बना। उसके ठीक 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
308 सदस्यों ने बनाया था भारत का संविधान
देश में आज जिस संविधान के अनुसार कार्य किया जा रहा है, उसका ड्राफ्ट भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर ने तैयार किया था जिन्हें भारतीय संविधान के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। कई सुधारों और बदलावों के बाद कमेटी के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 हाथ से लिखे कानून की दो कॉपियों पर हस्ताक्षर किये, जिसके दो दिनों बाद 26 जनवरी को यह देश में लागू कर दिया गया।
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This post was last modified on November 20, 2024 3:29 am