Budh Ke Upay: वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह सभी ग्रहों में सबसे छोटा ग्रह है। वहीं वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता, व्यापार और मित्र का कारक माना जाता है। सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं। बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित है। साथ ही बुध ग्रह हमेशा सूर्य ग्रह के साथ संचरण करते हैं। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। वहीं कन्या इनकी उच्च राशि है जबकि मीन इसकी नीच राशि मानी जाती है। साथ ही बुध ग्रह को एक नपुंसक ग्रह भी माना जाता है। आइए जानते हैं चंद्रमा के होने वाले रोग और उनके उपाय…
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तार्किक क्षमता होती है कमजोर
वैदिक ज्योतिष अनुसार अगर किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में बुध ग्रह नीच यानि अशुभ स्थित हो तो इस स्थिति में जातक अपने विचारों को सही रूप में बोलकर पेश नहीं कर पाता है। साथ ही ऐसा व्यक्ति गणित विषय में कमज़ोर होता है और उसे गणना करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। उककी तार्किक क्षमता भी कमजोर होती है।
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व्यापार में होता है नुकसान
वैदिक ज्योतिष के अनुसार पीड़ित बुध जातक को दिमागी रूप से कमज़ोर बनाता है। व्यक्ति को चीज़ों को समझने में दिक्कत होती है। पीड़ित बुध के प्रभाव से व्यक्ति को क़ारोबार में हानि होती है। व्यक्ति के जीवन में दरिद्रता आती है। साथ ही दिमागी रूप से वह कमजोर रहता है।
हो सकते हैं ये रोग
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वैदिक ज्योतिष अनुसार यदि जन्मकुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थित हो तो व्यक्ति को बोलने में समस्या, नसों में पीड़ा, बहरापन, जीव, मुख, गले तथा नाक से संबंधित रोग, चर्म रोग, अत्यधिक पसीना आना, तंत्रिका तंत्र में परेशानी आदि का सामना करना पड़ता है।
करें ये उपाय
1- अगर कुंडली में बुध ग्रह अशुभ स्थित है तो व्यक्ति को चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। ऐसा करने से उनको बुध ग्रह से संबंधित परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
2- बुधवार के दिन सूर्यास्त होने से पहले गाय को हरा चारा खिलाएं। ऐसा करने से बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है।
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3- हरी मूंग की दाल, साग, पालक या कोई भी हरा खाद्य पदार्थ दान बुधवार के दिन करें।
4- जन्मकुंडली में अगर बुध ग्रह नकारात्मक या अशुभ स्थित हो तो व्यक्ति को अपनी बेटी, बहन, बुआ और साली से हर संभव अच्छे संबंध बना कर रखने चाहिए।
5- वहीं बुध ग्रह के अशुभ होने पर जन्मकुंडली का विश्लेषण करके पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं।
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Danh mục: चिकित्सा