ह्रदय रोग होते ही मरीज की चिंता बढ़ जाती है। ह्रदय रोग होने पर क्या खाए और क्या ना खाए, बीमारी की रोकथाम कैसे करे। ऐसी कई बातें रोगी के मन में आने लगती हैं। आपने देखा होगा कि डॉक्टर हमेशा ह्रदय रोगियों को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं, क्योंकि ह्रदय से जुड़ी अनेक बीमारियां, पोषण युक्त आहार का सेवन ना करने और अस्वस्थ जीवनशैली के कारण होती है। इसलिए यहां ह्रदय रोगियों के लिए डाइट प्लान की जानकारी दी जा रही है।
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इस डाइट प्लान का पालन कर आप ना सिर्फ ह्रदय रोगों की रोकथाम कर सकते हैं, बल्कि अपने आपको स्वस्थ बना सकते हैं।
ह्रदय रोग में क्या खाएं (Your Diet in Cardiac Disorder)
ह्रदय के रोगों में इन आहार का सेवन करना जरूरी हैः-
- अनाज: पुराना चावल, गेहूं, जौ।
- दाल: सोयाबीन, मटर, मसूर दाल, मूंग, अरहर, ओट्स।
- फल एवं सब्जियां: लौकी, तोरई, परवल, करेला, कद्दू, टिण्डा, आलू, टमाटर, नीम्बू, ब्रोकली, पालक, अंगूर, अनार, हल्दी, मेथी, जीरा, हरा धनिया, इलायची, दालचीनी, लहसुन, गाजर, सेब, चेरी, स्ट्रॉबरी, नारंगी, केला, काला अंगूर, एप्रिकोट्स, अखरोट, बीन्स, पपीता, शिमला मिर्च, पत्ता गोभी, अमरुद, नाशपाती।
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ह्रदय रोग होने पर क्या ना खाएं (Avoid These in Cardiac Disorder)
ह्रदय का रोग होने पर इन आहार का सेवन ना करेंः-
- अनाज: नवीन चावल, मैदा
- दाल: उड़द
- फल एवं सब्जियां: चौलाई, बथुआ, सिंघाड़ा, अरबी, कटहल, बैंगन, शकरकंद।
- अन्य: डिब्बा बंद भोज्य पदार्थ, नमक, पहले इस्तेमाल किया हुआ तेल, घी, बेकार खाना, देर में पचने वाले भोज्य पदार्थ, ठंडा पानी, शराब, माँसाहार, अण्डा, अचार, फास्ट फ़ूड।
- विरुद्ध आहार: दूध + मछली।
ह्रदय रोग के बचाव के लिए डाइट प्लान (Diet Plan for Heart Disease Prevention)
सुबह उठकर दांत धोने (बिना कुल्ला किये) से पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी एवं नाश्ते से पहले लौकी, पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं। इसके साथ ही इस आपको इनका पालन करना हैः-
समय संतुलित आहार योजना नाश्ता (8 :30 AM ) 1 कप पतंजलि दिव्य पेय + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /हल्का नमकीन आरोग्य दलिया /पोहा /उपमा (सूजी) /कार्नफ्लेक्स / 1-2 पतली रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1 कटोरी सब्जी, 1 प्लेट फलों का सलाद (सेब, पपीता, अमरुद, नाशपाती, चेरी, स्ट्रॉबरी, नारंगी, केला, काला अंगूर)। दिन का भोजन (12:30-01:30 )PM 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1कटोरी चावल (मांड रहित ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई) + 1 कटोरी मूँग दाल (पतली) + 1 प्लेट सलाद। शाम का नाश्ता (5:30 – 6 :00 Pm) 1 कप हर्बल चाय (दिव्य पेय ) + 2-3 बिस्कुट (आरोग्य, पतंजलि) /सब्जियों का सूप। रात का भोजन (7: 00 – 8:00 Pm) 1-2 पतली पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + 1/2 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई) + 1 कटोरी मूँग दाल (पतली)। रात से पहले (सोने से 30 मिनट पहले) 1 गिलास दूध बिना मलाई व बिना चीनी के पिएं।
अन्य: अलसी, जैतून तेल, दही, चॉकलेट, अखरोट, मलाई रहित दूध का सेवन कर सकते हैं।
ह्रदय रोगियों के लिए सलाह
- 24 घण्टे में केवल 1/2 चम्मच (सेंधा नमक) खाना है।
- 1 चम्मच रिफाइंड, सरसों/ मूंगफली का तेल 24 घण्टे में ले सकते हैं।
- यदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर 1 कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं |
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ह्रदय रोगियों के लिए जीवनशैली (Your Lifestyle During Heart Disease)
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ह्रदय रोगी की जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
- व्यायाम करें
ह्रदय रोगियों को थोड़ा व्यायाम करना चाहिए, ताकि भोजन का पाचन सही से हो पाए और बीमारी की रोकथाम हो।
- तनाव व चिंता ना करें
रोजाना 7-8 घण्टे की नींद लें तथा चिंता कम से कम करें।
- धूम्रपान ना करें
धूम्रपान का सेवन ना करें, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव दिल की धमनियों पर पड़ता है।
ध्यान रखने योग्य बातें (Points of Remember)
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वक, सकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरे-धीरे खाएं।
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(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जाएं।
(11) रोज दो बार दांत साफ करें।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय [9- 10 PM] पर नींद लें।
(15) बिना पचे भोजन नहीं करना है।
(16) बहुत अधिक व्यायाम नहीं करना है।
(17) क्रोध-दुःख मन में नहीं रखना है।
(18) ठण्डा वातावरण से परहेज करना है।
ह्रदय रोग होने पर योग और आसन (Yoga and Asana for Heart Disease)
ह्रदय रोग होने पर आप ये योग, ध्यान और आसन कर सकते हैंः-
- योग प्राणायाम एवं ध्यान: अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उदगीथ, प्रनव जप
- आसन: पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन, उत्तानपादासन, मर्कटासन, गोमुखासन, मण्डूकासन, शशांकासन
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