अनुलोम-विलोम के 5 चमत्कारी फायदे जान गए, तो इस प्राणायाम को रुटीन में शामिल करने पर मजबूर हो जाएंगे !

अनुलोम-विलोम के 5 चमत्कारी फायदे जान गए, तो इस प्राणायाम को रुटीन में शामिल करने पर मजबूर हो जाएंगे !

अनुलोम-विलोम के 5 चमत्कारी फायदे जान गए, तो इस प्राणायाम को रुटीन में शामिल करने पर मजबूर हो जाएंगे !

अनुलोम विलोम के 101 फायदे

अनुलोम-विलोम नाड़ी शोधन प्राणायाम के मुख्य प्रकारों में से एक है. तमाम आयुर्वेद विशेषज्ञों का मानना है कि इस अकेले प्राणायाम को करने से ही कई तरह के चमत्कारी परिणाम प्राप्त होते हैं. यदि इस प्राणायाम का अभ्यास रोजाना सुबह और शाम को 15 मिनट किया जाए तो ये शरीर के सभी नाड़ियों को शुद्ध करता है, साथ ही शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करता है. अनुलोम-विलोम करने से दिमाग भी फ्रेश होता है. जानिए इसके 5 ऐसे फायदे जिनको जानने के बाद आप भी इसे अपने रुटीन में हर हाल में शामिल करना चाहेंगे.

1. फेफड़ों को ताकतवर बनाता : अनुलोम-विलोम आपके फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर डालता है. ये फेफड़ों में फंसी विषैली गैस को बाहर निकालने का काम करता है और उन्हें स्वस्थ बनाता है. इसके अलावा ये फेफड़ों को मजबूत बनता है और उनकी ताकत बढ़ाता है. जिन लोगों के स्मोकिंग के बाद फेफड़े कमजोर हो चुके हैं, वो लोग यदि स्मोकिंग को छोड़ने के बाद यदि इस प्राणायाम का अभ्यास करें, तो अपने फेफड़ों को फिर से काफी हद तक दुरुस्त कर सकते हैं.

2. ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर करता : रोजाना इस प्राणायाम का अभ्यास करने से खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ जाती है. इसके अलावा ये शरीर में मौजूद 72 हजार नाड़ियों में को शुद्ध करके उनमें जान डालने का काम करता है. शरीर की सभी कोशिकाओं को नई ऊर्जा देता है. इसे करने से हाई बीपी की समस्या नियंत्रित होती है और हार्ट दुरुस्त होता है.

3. सांस की समस्या में आराम देता : जिन लोगों को सांस संबन्धी कोई बीमारी है या सांस लेने में परेशानी होती है, या जो लोग जोर जोर से सांस लेते हैं, उन्हें हर हाल में अनुलोम-विलोम करना चाहिए. इसे करने से सांस लेने की प्रक्रिया ठीक होती है और फेफड़े ठीक से ऑक्सीजन भर पाते हैं.

4. तनाव दूर करने में मददगार : अनुलोम-विलोम का रोजाना अभ्यास करने से मस्तिष्क में रक्त संचार अच्छे से होता है और ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है. इससे मूड फ्रेश होता है. तनाव और स्ट्रेस जैसी समस्याएं नहीं होतीं. चिड़चिड़ापन, घबराहट, नींद नहीं आना, डिप्रेशन और श​रीर में कमजोरी आदि समस्याएं नियंत्रित होती हैं.

5. सोचने समझने की शक्ति बढ़ाता : अनुलोम-विलोम करने से आपके दिमाग का दायां और बायां हिस्सा संतुलित होता है. व्यक्ति को सोचने समझने में आसानी होती है और कार्यकुशलता बढ़ती है. इसके अलावा ए​काग्रता बढ़ती है.

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This post was last modified on November 19, 2024 11:48 pm