काला पीलिया क्या है?
क्रोनिक हेपेटाइटिस बी जब हो जाता है तब लिवर में कार्बन रहता है, तब काला पीलिया होता है। इससे लिवर डैमेज होने पर कैंसर जैसी बीमारियां होती हैं। इस बीमारी में मरीज का रंग भी काला पड़ने लगता है। इसलिए आम भाषा में लोग इसे काला पीलिया कहते हैं। लेकिन यह वैज्ञानिक नाम नहीं है। डॉक्टर पीलिया होने पर हेपेटाइटिस ए, बी और सी की जांच करते हैं। तब उसकी गंभीरता को देखते हुए उसे काला पीलिया कहा जाता है।
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आमतौर पर काला पीलिया हेपेटाइटिस बी और सी की वजह से होता है। यह वायरस शरीर में ब्लड के जरिए जाते हैं। ब्लड में जाने पर यह लिवर को प्रभावित करते हैं। अगर इसकी पहचान शुरूआती लक्षणों को देखकर कर ली गई तो इलाज संभव हो जाता है। अगर सही समय पर ध्यान नहीं दिया तो कैंसर के साथ-साथ, किडनी की बीमारियों और चमड़ी की दिक्कतें भी हो सकती हैं इस बीमारी में जोड़ों में दर्द के लक्षण भी देखे जाते हैं।
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डॉक्टर का कहना है कि शुरुआत स्तर में पीलिया होने पर उसका इलाज करने पर वह ठीक हो जाता है, लेकिन मरीजों में ये वायरस लिवर में रह जाते हैं और पैठ बना लेते हैं, उन मरीजों में लिवर सिकुड़ने लगता है और लिवर डैमेज होने लगता है।
Nguồn: https://nanocms.in
Danh mục: चिकित्सा
This post was last modified on November 27, 2024 12:30 pm