किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है और इसका नियमित रूप से ध्यान रखना बेहद जरूरी है। किडनी इन्फेक्शन यानी पायलोनेफ्राइटिस एक विशेष प्रकार का मूत्र पथ संक्रमण यानी यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) है। यह इन्फेक्शन आमतौर पर मूत्रमार्ग या मूत्राशय से शुरू होता है और किडनी तक पहुंच जाता है। यह इन्फेक्शन एक या दोनों किडनी में फैल सकता है। यह बीमारी अचानक से हो सकती है। यदि किडनी इन्फेक्शन होता है तो तुरंत इलाज की जरूरत पड़ती है। आज इस लेख में हम किडनी खराब होने के लक्षण और उपाय और किडनी ठीक करने के उपाय के बारे में जानेंगे।
किडनी खराब होना जिसे मेडिकल भाषा में ‘एक्यूट किडनी फेलियर’ कहते हैं यह तब होता है जब गुर्दे रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करना बंद कर देते हैं। जब गुर्दों की रक्त फिल्टर करने की क्षमता नष्ट हो जाती है तो रक्त में अपशिष्ट पदार्थ खतरनाक स्तर पर जमा होने लगते हैं और इससे रक्त की रासायनिक संरचना असंतुलित हो जाती है। एक्यूट किडनी फेलियर कुछ घंटे, कुछ दिनों में तेजी से विकसित हो सकता है। किडनी इन्फेक्शन में बहुत दर्द होता है। अब सवाल उठता है कि किडनी खराब होने पर कहाँ दर्द होता है? तो आपको बता दें कि किडनी का दर्द आमतौर पर पीठ के किनारों से शुरू होकर पेट में, जांघ और पेट के निचले हिस्से यानी जननांग में फैलता है। अब दूसरा सवाल यह उठता है कि क्या किडनी ठीक हो सकती है? एक्यूट किडनी फेलियर है तो किडनी का वापस सामान्य होना मुमकिन है लेकिन क्रॉनिक किडनी डिसीज़ में किडनी दोबारा ठीक नहीं होती है।
Bạn đang xem: किडनी खराब होने के लक्षण और उपाय व किडनी हेल्दी रखने वाले 10 फूड
किडनी खराब होने के लक्षण – Kidney Kharab Hone ke Lakshan
कई बार किडनी इन्फेक्शन के लक्षण जल्दी से दिखाई नहीं देते इसलिए कई अन्य कारणों के कारण प्रयोगशाला में परीक्षण करवाने पर ही इसके बारे में पता चलता है। आइए कुछ किडनी खराब होने लक्षण के बारें में विस्तार से चर्चा करें-
पेशाब में खून आना – पेशाब में खून आना किडनी खराब होने के लक्षण में से एक है। पेशाब का उत्पादन कम होना – किडनी के खराब होने के लक्षणों में पेशाब का उत्पादन कम होना भी ध्यान देने योग्य लक्षण है। गुर्दे में पथरी – गुर्दे की पथरी भी गुर्दे के खराब होने का कारण बन सकती है। यदि ये आकार में छोटी है तो नुकसानदायक नहीं है लेकिन अगर बड़ी है तो यह मूत्र मार्ग में आ सकती है और रुकावट पैदा कर सकती है जिससे समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। शरीर में सूजन – जब किडनी में इन्फेक्शन होता है तो वे सिस्टम को ठीक से डिटॉक्सिफाई नहीं कर पाती है जिससे शरीर में तरल पदार्थ का अतिरिक्त निर्माण होने लगता है और पैरों, टखनों, हाथों में सूजन आ जाती है। सांस फूलना – सांस फूलना भी किडनी के खराब होने के लक्षण में से एक है क्योंकि ऑक्सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की आपूर्ति कम हो जाती है और इससे एनीमिया भी हो सकता है। साथ ही जब किडनी में इन्फेक्शन होता है तो फेफड़ों में भी तरल पदार्थों का निर्माण होने लगता है। थकान – हमारे शरीर में ईपीओ, एरिथ्रोपोइटिन बनाने के लिए किडनी जिम्मेदार होती है जो शरीर को आरबीसी (लाल रक्त कोशिकाएं) बनाने का निर्देश भी देती है। जब किडनी में इन्फेक्शन होता है तो वे कम ईपीओ बनाते हैं जिससे शरीर में आरबीसी की कमी होने लगती है। आरबीसी की कमी होने के कारण ऑक्सीजन की मात्रा प्रभावित होती है और व्यक्ति बहुत जल्दी-जल्दी थकान महसूस करने लगता है।
किडनी खराब होने के कारण – Kidney Kharab Hone ke Karan
किडनी खराब होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
Xem thêm : मिलियन, बिलियन, ट्रिलियन में कितने जीरो? आसानी से समझिए ‘0’ का गेम, फिर कभी नहीं भूलेंगे
किडनी में रक्त प्रवाह का कम होना – किडनी में अचानक खून की कमी हो जाए, किडनी में खून का बहाव रुक जाए तो किडनी के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। किडनी खराब होने में और भी कई स्थितियां जिम्मेदार हैं; जैसे दिल का दौरा, हृदय रोग, डिहाइड्रेशन, एलर्जी, गंभीर संक्रमण और लीवर फेल होना, आदि। पेशाब करने में परेशानी – ऐसी स्थितियां जिससे पेशाब करने में परेशानी होती है जैसे किडनी में पथरी, बढ़े हुए प्रोस्टेट, मूत्र मार्ग में रक्त का थक्का या मूत्र मार्ग में किसी प्रकार की क्षति होने के कारण भी किडनी खराब होने की संभावना बढ़ जाती है। मूत्र मार्ग के रोग – किडनी के खराब होने के कारणों में मूत्र मार्ग में रुकावट करने वाले कुछ रोग जैसे प्रोस्टेट, कोलन, ग्रीवा और अन्य मूत्राशय की समस्याएं शामिल है। अन्य समस्याएं – किडनी संक्रमण, अल्कोहल या ड्रग्स का ज्यादा सेवन, एंटीबायोटिक दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल, किडनी में विषाक्त पदार्थों का ओवरलोड, अप्रबंधित डायबिटीज और कीमोथेरेपी दवाएं भी किडनी के खराब होने का बड़ा कारण हो सकती हैं।
किडनी ठीक करने के घरेलू उपाय – Kidney Theek Karne ke Gharelu Upay
किडनी की समस्या से निजात पाने के लिए आप कुछ घरेलू उपायों को अपना सकते हैं जिनकी मदद से आप किडनी को ठीक कर सकते हैं। आइए इन उपायों के बारे में जानें-
गेहूं के ज्वार और गिलोय – गेहूं के ज्वार को बहुत ही गुणकारी माना जाता है। यदि इसका रस नियमित रूप से पिया जाए तो बड़ी से बड़ी बीमारी को ठीक करने में यह कारगर है। यदि गेहूं के ज्वार के साथ गिलोय का रस मिलाकर पिया जाए तो यह अमृत बन जाता है। इस काढ़े को बनाने के लिए आप 50 ग्राम गेहूं के ज्वार और गिलोय के रस को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को रोजाना सुबह खाली पेट लेने से डायलिसिस की समस्या में राहत मिलती है। नीम और पीपल – नीम और पीपल की छाल का सेवन भी किडनी की समस्या को ठीक करने के लिए किया जा सकता है। नीम और पीपल की छाल का काढ़ा बनाकर रोगी को देने से 1 सप्ताह के भीतर ही क्रिएटिनिन का स्तर संतुलित हो जाता है। काढ़ा बनाने के लिए 10 ग्राम नीम और 10 ग्राम पीपल की छाल को 3 गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे बोतल में डाल दें और इसका सेवन करें। गुगुल – किडनी की बीमारी के लिए गुगुल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। गुगुल में ऐसे गुण होते हैं जो गुर्दे की पथरी को भी तोड़ने या उसके आकार को कम करने के लिए कारगर है। गुगुल के सेवन से जननांग प्रणाली और मूत्र मार्ग को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। यह आयुर्वेदिक दवा शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है और गुर्दे को दोबारा से जीवित करती है। सेब का सिरका – किडनी की समस्याओं में सेब का सिरका बहुत उपयोगी है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल तत्व किडनी के साथ-साथ शरीर को बैक्टीरिया के संक्रमण से भी बचाता है। सेब के सिरके के इस्तेमाल से आप किडनी में मौजूद पथरी को भी धीरे-धीरे खत्म कर सकते हैं। इसमें मूत्र वर्धक तत्व होते हैं जो गुर्दे के अपशिष्ट पदार्थों को निकालते हैं और गुर्दे को स्वस्थ रखते हैं।
किडनी को हेल्दी रखने वाले 10 फूड – Kidney ko Healthy Rakhne Wale 10 Food
पानी – पानी बहुत ही जरूरी चीज है जो किडनी के स्वास्थ्य के लिए भी बेहद जरूरी है। यह किडनी को हाइड्रेट रखता है और सामान्य किडनी कार्यों को सुनिश्चित करता है। फल और सब्जियां – फल और सब्जियां भी हमारे आहार का एक जरूरी हिस्सा है और किडनी के लिए बेहद फायदेमंद भी है। फल और सब्जियों में भरपूर मात्रा में फाइबर, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं जो किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं। नारंगी का जूस – नारंगी का जूस भी किडनी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इसमें विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होता है जो किडनी की सुरक्षा करता है। मेथी – मेथी में मौजूद एंटीमाइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं जो किडनी के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह किडनी की सुरक्षा करते हैं और संचार को बढ़ाते हैं। भुना चना – भुने हुए चने में प्रोटीन, फाइबर और फोलिक एसिड उच्च मात्रा में होता है और यह भी किडनी के स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। मूली – मूली उच्च पोटेशियम का अच्छा स्रोत है जो किडनी के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। इसके साथ ही मूली में विटामिन-सी और फाइबर भी होता है जो किडनी को पोषित करते हैं। धनिया – धनिया भी एक अच्छी गुणकारी औषधि है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं जो किडनी के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। तुलसी – एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों से भरपूर तुलसी का पौधा भी किडनी को हेल्दी रखने में मदद करता है। जौ – जौ एक अच्छा ग्लूटेन-फ्री अनाज है जो किडनी के लिए उपयोगी है। जौ हमें फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स सब भरपूर होते हैं जो किडनी को स्वस्थ बनाते हैं। लौकी – लौकी एक पौष्टिक सब्जी है जो किडनी के स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी है। इस सब्जी का इस्तेमाल सलाद और रायते में भी किया जा सकता है।
किडनी बचाव के उपाय – Kidney Bachav ke Upay
Xem thêm : 2 महीने की प्रेगनेंसी: आपके बच्चे की ग्रोथ (आपके बच्चे का विकास) और आपके बदलते शरीर की जानकारी
किडनी के खराब होने के लक्षण, कारण और उसे ठीक करने के कुछ घरेलू उपाय जानने के बाद आइए किडनी की समस्या से बचाव के क्या उपाय हैं और किडनी खराब होने पर क्या खाएं यह जानते हैं-
- नियमित रूप से व्यायाम, प्राणायाम, आदि करें।
- भरपूर मात्रा में पानी पीएं क्योंकि कम पानी पीने से किडनी पर दबाव पड़ता है जिससे किडनी की समस्या पैदा होती है।
- नमक का सेवन कम करें। भोजन में सोडियम, पोटेशियम की अधिक मात्रा किडनी रोगों को और बढ़ती है।
- यूरिक एसिड से बचने के लिए अंगूर का सेवन करें।
- बिना डॉक्टर की सलाह के अनावश्यक दवाइयों का सेवन ना करें यह किडनी रोग का कारण है।
- फल और हरी सब्जियों (विशेषकर गहरे रंग की सब्जियां) का सेवन करें।
किडनी के लिए काढ़ा – Kidney ke Liye Kadha
सामग्री – काढ़ा बनाने के लिए आपको चाहिए:
- नींबू
- शहद
- गिलोय
- गोखरू
- पुनर्नवा
- नीम की पत्तियां
- हॉर्सटेल
- त्रिफला
- गोक्षुरा की छाल
- पलाश
- धनिया
विधि – काढ़ा बनाने की विधि है-
- सभी सामग्रियों को कूट लें।
- एक बर्तन में पानी गर्म करके सभी कूटी हुई सामग्रियों को डालें।
- पानी को अच्छी तरह से उबलने दें।
- जब सभी सामग्रियों का अर्क उबलते हुए पानी में मिल जाए तो गैस बंद कर दें।
- अब इस तैयार काढ़े को छाने और इसमें नींबू और शहद का रस डालकर इसका सेवन करें।
Namhya से खरीदें गुग्गुल पाउडर
यदि आप भी अपनी किडनी की समस्याओं से परेशान हैं तो आप Namhya के गुग्गुल पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद है जो किडनी की समस्याओं और यूटीआई इन्फेक्शन से राहत दिलाने में मदद करता है। इसका सेवन आप हाइपोथायरायडिज्म, कोलेस्ट्रॉल, वजन घटाने और ब्लड शुगर जैसी समस्याओं के लिए भी कर सकते हैं। Namhya का यह प्रोडक्ट एक हर्बल प्रोडक्ट है जिसे आप उनकी वेबसाइट से ऑनलाइन घर बैठे ऑर्डर कर सकते हैं।
Nguồn: https://nanocms.in
Danh mục: शिक्षा