कुष्ठ रोग, जिसे हैनसेन रोग के नाम से भी जाना जाता है. यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम लेप्री के कारण होती है. भारत में इस बीमारी पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया गया है. इसके केस भी हर साल कम होते जा रहे हैं, हालांकि आज भी झारखंड, यूपी छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में इस बीमारी के कुछ केस आते हैं. यह डिजीज किसी भी उम्र में हो जाती है. कुष्ठ रोग कई दशकों से चली आ रही बीमारी है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. ये बीमारी स्किन और यहां तक की नर्व सिस्टम को भी नुकसान पहुंचाती है. इस बीमारी को लेकर आज भी लोगों में जागरूकता की कमी है.
- हाथ-पैर-और-मुंह की बीमारी
- हैजा के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव
- World TB Day : टीबी के उपचार को सफल बना सकती है सही डाइट, एक्सपर्ट बता रहे हैं क्या खाना है
- पेशाब से आती बदबू को ना समझें आम, गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकती है यूरिन में स्मेल की समस्या, जानें कब है डॉक्टर के पास जाने की जरूरत
- एनीमिया क्या है? और इसके प्रकार, लक्षण, कारण और उपचार क्या है?
कुछ लोगों को आज भी लगता है कि कुष्ठ रोग का इलाज नहीं है, लेकिन साल 1995 में ही WHO ने मल्टीड्रग थेरेपी विकसित की थी, जो इस बीमारी के इलाज में कारगर है.
Bạn đang xem: स्किन पर हो रही ये परेशानी कुष्ठ रोग का लक्षण, जानें कैसे करें बचाव
संक्रामक बीमारी
Xem thêm : पेट की चर्बी कम करने के लिए प्रभावी डाइट प्लान, टिप्स और एक्सरसाइज
मैक्स अस्पताल में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ सौम्या सचदेवा बताती हैं कि कुष्ठ रोग का इलाज संभव है और प्रारंभिक अवस्था में ट्रीटमेंट अगर मिल जाए तो मरीज को दिव्यांगता से रोका जा सकता है. डॉ सौम्या बताती हैं कि संक्रमित व्यक्ति से लगातार संपर्क , नाक और मुंह से निकले वाली बूंदों के माध्यम से भी ये बीमारी एक से दूसरे मरीज में फैल सकती है. कुष्ठ रोग के लक्षण एक साल के अंदर भी दिख सकते हैं और इनको सामने आने में 20 वर्ष या उससे भी अधिक समय लग सकता है. यह रोग आमतौर पर त्वचा पर घाव के साथ शुरू होता है.
क्या होते हैं कुष्ठ रोग के लक्षण
पीली (हाइपोपिगमेंटेड) या लाल त्वचा
मांसपेशियों की कमजोर
Xem thêm : लीवर इन्फेक्शन क्यों होता है? जानें, लीवर मजबूत करने का घरेलू उपाय
स्किन पर चक्कते निकलना ( बिना खुजली वाले)
स्किन पर निशान बनना और गांठ होना जो खत्म नहीं हो रही
क्या है इलाज
डॉ सौम्या बताती हैं कि डब्ल्यूएचओ सभी कुष्ठ बीमारी के मरीजों के लिए रिफैम्पिसिन, डैपसोन और क्लोफ़ाज़िमाइन दवा देने की सिफारिश करता है. इन दवाओं से पीबी कुष्ठ रोग के लिए 6 महीने और एमबी कुष्ठ रोग के लिए 12 महीने की उपचार अवधि होती है. कुष्ठ रोग भी पूरी अवधि के लिए ही ट्रीटमेंट कराना पड़ता है. अगर इलाज में लापरवाही की जाती है तो ये बीमारी शरीर के दूसरे हिस्सों तक भी फैल जाती है.
Nguồn: https://nanocms.in
Danh mục: चिकित्सा
This post was last modified on November 27, 2024 1:23 pm