एनीमिया क्या है? और इसके प्रकार, लक्षण, कारण और उपचार क्या है?

कोई भी कारक, जिसकी वजह से आपके रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) की कमी होती है, एनीमिया की वजह बनता है। कुछ कारक अल्पकालिक या अस्थायी होते हैं, जबकि अन्य कारक दीर्घकालिक हो सकते हैं। अधिकांश एनीमिया के मामले दोनों कारणों के संयोजन के कारण होते हैं। इसीलिए एनीमिया के एकदम सही कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर से परामर्श करना अति आवश्यक होता है। कभी-कभी यह किसी गंभीर छिपी हुई बीमारी का चेतावनी संकेत भी हो सकता है। एनीमिया से ग्रसित व्यक्तियों को अक्सर ठंड लगती है या शरीर में कमजोरी और ऊर्जा की कमी महसूस होती है।

एनीमिया के कुछ सामान्य कारक निम्न है:

  • महिलाओं में गर्भावस्था के समय खून की कमी होने के कारण एनीमिया होने का खतरा अधिक होता है।
  • वृद्धावस्था में क्रॉनिक बीमारियों का ख़तरा अधिक हो जाता है जो आगे चलकर एनीमिया का कारण बन सकता है।
  • कभी-कभी जेनेटिक्स भी एनीमिया होने का कारण बन सकते हैं, इसके कारण कुछ लोगों में जन्म के समय ही एनीमिया हो सकता है।

एनीमिया कितने प्रकार का होता है?

कारक के आधार पर एनीमिया को निम्न समूहों में वर्गीकृत किया गया है:

  • अप्लास्टिक एनीमिया: यह तब होता है जब आपका शरीर पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाओं (RBCs) का उत्पादन नहीं कर पाता है।
  • आयरन डिफ़िशिएंसी एनीमिया: यह एनीमिया शरीर में अपर्याप्त आयरन की उपस्थिति के कारण होता है। इसका मुख्य कारण आहार में आयरन की कम मात्रा, अधिक रक्तस्राव, या आयरन के बढ़ते नुकसान होते हैं।
  • सिकल सेल एनीमिया: यह एक आनुवंशिक एनीमिया है और माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित हो सकता है। इस में लाल रक्त कोशिकाएं अपनी संरचना और ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता खो देती हैं।
  • थैलेसीमिया – यह भी एक वंशानुगत स्थिति है, इसमें रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर कम होता है।
  • विटामिन डिफ़िशिएंसी एनीमिया: इसका मुख्य कारण शरीर में अपर्याप्त विटामिन बी 12 या फोलेट होता है, ये विटामिन आरबीसी के निर्माण में आवश्यक होते हैं।

एनीमिया विकसित होने का खतरा किसमें अधिक होता है?

  • स्त्रियों में
  • 2 वर्ष से कम आयु के शिशु और छोटे बच्चों में
  • वृद्ध वयस्क, जिनकी आयु 65 वर्ष या उससे अधिक हो
  • उन व्यक्तियों में जो रक्त को पतला करने वाली दवाएँ लेते हैं
  • पेट या आंत्र में अल्सर जैसी अन्य चिकित्सीय स्थितियों में

एनीमिया के लक्षण क्या हो सकते हैं?

एनीमिया के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं और कुछ लोगों में इसके कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। आमतौर पर एनीमिया के लक्षण तब दिखायी देते हैं जब आपके शरीर की कोशिकाओं में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, इसमें निम्न कारण शामिल होते हैं:

  • कमजोरी और थकान
  • त्वचा का रंग सफ़ेद या पीला होना
  • त्वचा में रूखापन और आसानी से नील पड़ना
  • अनियमित दिल की धड़कन और सांस लेने में कठिनाई
  • जीभ में छाले होना
  • चक्कर आना या बेहोशी जैसा महसूस होना
  • हाथ और पैर ठंडे होना
  • सिर दर्द
  • छाती में दर्द

शरीर में आयरन की कमी के साथ आप अन्य लक्षण भी महसूस कर सकते हैं जैसे:

  • कान में घंटी बजना
  • बालों का झड़ना
  • चम्मच के आकार के या भंगुर नाखून (brittle nails)

एनीमिया होने से क्या समस्याएं पैदा हो सकती हैं?

  • एनीमिया आपकी जीवनशैली और दैनिक कार्यों को करने की क्षमता पर गंभीर प्रभाव डालने के साथ-साथ अवसाद का कारण बन सकता है और हृदय स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है। इसके कारण अनियमित दिल की धड़कन और दिल की दीवारों को और बड़ा नुकसान हो सकता है।
  • कुछ प्रकार के एनीमिया जैसे सिकल सेल एनीमिया आगे चल कर प्राणघातक हो सकते हैं। एनीमिया से ग्रसित वृद्ध लोगों को जटिलताओं और मृत्यु का काफी अधिक खतरा हो सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान एनीमिया गंभीर जटिलताएँ भी पैदा कर सकता है इसीलिए आपके डॉक्टर यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि आप गर्भावस्था के दौरान एनीमिया से पीड़ित न हों।

एनीमिया के मुख्य कारण क्या हो सकते हैं?

एनीमिया के कई कारण हो सकते हैं और उनमें कुछ मुख्य निम्नलिखित हैं:

  • खून की कमी एनीमिया का कारण हो सकता है:
  • अल्सर, जठरशोथ या बवासीर आपके पाचन तंत्र में रक्तस्राव का कारण बनते हैं, जिनकी वजह से वजह से एनीमिया हो सकता है।
  • NSAID दवाएँ लेने वाले लोगों में अल्सर या गैस्ट्राइटिस हो सकता है जो रक्तस्राव का कारण हो सकता है।
  • महिलाओं में भारी मासिक धर्म
  • आघात या चोट
  • शल्य प्रक्रियाएं
  • एनीमिया जो कम या खराब गुणवत्ता वाली आरबीसी के उत्पादन के कारण होता है:
  • अस्थि मज्जा और स्टेम सेल के विकार, जैसे:
  1. अप्लास्टिक एनीमिया
  2. लेड विषाक्तता (lead poisoning)
  3. थैलेसीमिया
  • आयरन की कमी के कारण:
  1. आहार की कमी
  2. कैफीन युक्त पेय और पेट को परेशान करने वाले खाद्य पदार्थ
  3. पाचन विकार
  4. रक्तदान के बाद
  5. गर्भावस्था और स्तनपान के समय
  6. अधिक रक्तस्राव वाले मासिक धर्म
  7. पाचन तंत्र में धीमा रक्तस्राव
  8. भारी व्यायाम के कारण
  • विटामिन बी-12 और फ़ोलेट की कमी के कारण:
  1. मेगालोब्लास्टिक एनीमिया: यह विटामिन बी 12 और/या फोलेट की कमी के कारण होता है
  2. पर्निशियस एनीमिया: यह विटामिन बी 12 की कमी के कारण होता है
  3. आहार की कमी
  • जेनेटिक विकार जैसे सिकल सेल एनीमिया
  • एनीमिया जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने के कारण होता है:
  • प्रतिरक्षा प्रणाली विकार जैसे ल्यूपस
  • बढ़ी हुई तिल्ली (spleen)
  • आनुवंशिक विकार
  • अत्यधिक तनाव
  • संक्रमण और विषाक्त पदार्थों का सेवन
  • एडवांस्ड यकृत रोग
  • क्लॉटिंग विकार और प्रोस्थेटिक्स
  • अन्य स्वास्थ्य स्थितियों से जुड़े एनीमिया के कारण:
  • एडवांस्ड गुर्दे (kidney) की बीमारी
  • हाइपोथायरायडिज्म
  • वृद्धावस्था
  • क्रॉनिक बीमारियाँ जैसे मधुमेह, गठिया, कैंसर और संक्रमण

एनीमिया की जाँच कैसे की जाती है?

  1. एनीमिया का मुख्य मापक पूर्ण रक्त गणना (सीबीसी) होता है। यह आपके रक्त के नमूने में से गिने गए कुल आरबीसी की संख्या बताता है।
  2. अन्य रक्त परीक्षण द्वारा आपके रक्त में उपस्थित हेमेटोक्रिट और हीमोग्लोबिन के स्तर से आरबीसी के स्तर को मापा जाता है।
  3. माइक्रोस्कोप की सहायता से आरबीसी का अवलोकन कर एनीमिया के प्रकार के बारे में जानकारी प्राप्त हो सकती है।
  4. कई परीक्षण एनीमिया के मूल कारण की पहचान करने में भी मदद करते हैं। इसके द्वारा सही उपचार में मदद मिलती है, जैसे:
  • विटामिन बी 12 और फोलेट का स्तर
  • थायराइड परीक्षण
  • किडनी और लिवर फंक्शन टेस्ट
  • अस्थि मज्जा अध्ययन
  • मूत्र परीक्षण
  • कोलोनोस्कोपी

एनीमिया का उपचार क्या है?

आपका डॉक्टर एनीमिया के प्रकार और कारण के आधार पर सही उपचार बताते हैं। कुछ घरेलू उपाय जो आपको एनीमिया को रोकने और कम करने में मदद कर सकते हैं, जैसे यदि आप एनीमिया के होने के जोखिम में हैं तो आप अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन बी 12 और फोलेट का सेवन करें। यह याद रखें कि सब्जियों को ज्यादा पकाने से उनमें आयरन तत्व कम हो सकता है। आमतौर पर कुछ उपचार नीचे दिये गये हैं:

  • आयरन डेफिशियेंसी एनीमिया: इसमें आवश्यक सप्लीमेंट्स और आहार में परिवर्तन करने से उचित परिणाम मिलते हैं, और खून की कमी का इलाज करने से भी यह स्थिति सही हो सकती है।
  • विटामिन की कमी से एनीमिया: आवश्यक विटामिन की पूर्ति, पाचन तंत्र में विटामिन के अवशोषण की समस्या होने पर विटामिन बी 12 के इंजेक्शन इसकी कमी को पूरा कर सकते हैं।
  • पुरानी बीमारी: अंतर्निहित पुरानी बीमारी के उपचार से एनीमिया की स्थिति नियंत्रित की जा सकती है।
  • अप्लास्टिक एनीमिया: रक्त चढ़ाना या अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण
  • अस्थि मज्जा रोग: स्थिति और कारण के आधार पर दवा, कीमोथेरेपी या अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण
  • हिमोलिटिक एनीमिया: कारक दवाओं को ठीक करना, संक्रमण का इलाज करना और एनीमिया की अंतर्निहित स्थितियों का इलाज करना
  • सिकल सेल रोग: सहायक उपचार और रक्त चढ़ाना
  • थैलेसीमिया: आमतौर पर इस स्थिति में उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन लक्षणों के गंभीर होने पर ब्लड ट्रांसफ्यूजन या बोन मेरो प्रत्यारोपण की आवश्यकता हो सकती है।