चिकन पॉक्स (माता) होने के कारण, लक्षण और उपचार

चिकन पॉक्स (माता) होने के कारण, लक्षण और उपचार

चिकन पॉक्स (माता) होने के कारण, लक्षण और उपचार

चिकन पॉक्स में क्या nahi खाना चाहिए

चिकन पॉक्स(chickenpox) छोटे बच्चों और वयस्क दोनों को होने की संभावना होती है। जब यह होता है तो रोगी बहुत घबरा जाते हैं। इलाज के लिए अनेक तरह के उपाय करते हैं। कई लोग तो झाड़ फूंक भी कराने लगते हैं।

अगर आपके परिवार में भी किसी को चिकन पॉक्स(chickenpox) की शिकायत है तो फेलिक्स हॉस्पिटल से संपर्क करने के साथ एक परामर्श की तारीख तय करें। हमें कॉल करें – +91 9667064100

क्या है चिकन पॉक्स ? (What is chicken pox in hindi?) :

चिकन पॉक्स को चेचक भी कहते हैं। यह बीमारी दो तरह की होती है – छोटी माता और बड़ी माता या फिर इसे ‘छोटी चेचक’ और ‘बड़ी चेचक’ भी कहा जाता है।

चिकन पॉक्स(chickenpox) वेरीसेला जोस्टर नामक वायरस से होता है। विषाणु के शिकार लोगों के शरीर में फुंसियों जैसी चक्तियां होती हैं। यह संक्रमण हवा और खांसी के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के शरीर तक पहुंचता है। एक बार जिस व्यक्ति को चिकन पॉक्स होता है तो उसका इम्यून सिस्टम उस वायरस के प्रति सचेत होता है। जीवन में कभी उसे दोबारा चिकन पॉक्स(chickenpox)नहीं होता है। कई बार वायरस होने पर कुछ स्थिति में रीढ़ की हड्डी के नर्व टिश्यू में बसता है। आगे चलकर फिर से सक्रिय होता है। यह बाद में दाद जैसी दर्दनाक स्किन एलर्जी का कारण बनता है। अधिकांश लोग बिना इलाज के चिकन पॉक्स से ठीक हो जाते हैं। यह ज्यादातर बच्चो में देखने को मिलता है, गंभीर मामले में इलाज की जरूरत होती है जिसके लिए हमे अच्छी सुविधा वाले बच्चो के हॉस्पिटल (Best Children’s Hospital in Noida) में जाना चाहिए ।

चिकन पॉक्स के कारण (Causes of chicken pox in hindi) :

चिकन पॉक्स(chickenpox) वैरिकाला-जोस्टर वायरस नाम के वायरस के संपर्क में आने से फैलता है। यह चिकन पॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के छींकने या खांसने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के फफोले से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने से से चिकन पॉक्स फैलता है। 1990 के मध्य तक चिकन पॉक्स एक आम संक्रमण था लेकिन वैरिकाला वैक्सीन (varicella vaccine) के आने से इसके मामलों में कमी आई है। चिकन पॉक्स के खिलाफ वैक्सीनेशन एक सबसे अच्छा निवारक उपाय है। बच्चों को चिकन पॉक्स के मरीज से दूर रखना चाहिए। चिकन पॉक्स(chickenpox) के रोगी को घर से कम से कम निकला चाहिए। इससे एक परिवार का संक्रमण दूसरे परिवार तक पहुंचने से रुकता है। मरीज के पास साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए। जिससे संक्रमण बढ़ने नहीं पाए।

चिकन पॉक्स के लक्षण (Symptoms Of Chicken Pox In Hindi) :

चिकन पॉक्स(chickenpox) होने पर 10 से 21 दिन के बीच शरीर पर दाने दिखाई देते हैं।

  • शुरूआत में बुखार, सिरदर्द, भूख नहीं लगना और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं।
  • शुरुआती लक्षणों के दिखाई देने के दो दिन बाद चेहरे, छाती और पीठ पर लाल रंग के दाने दिखाई देते हैं। जो शरीर में फैलते हैं।
  • यह चकत्ते पलक के पास, मुंह के अंदर, प्राइवेट पार्ट पर भी दिखते हैं।
  • पहले चकत्ते उभरे होते हैं। मगर बिगड़ने पर मवाद से भरे फफोले में बदलते हैं।
  • बाद में यही छाले खुलते हैं। सूखकर पपड़ी बनते हैं।
  • ज्यादातर लोगों में चार से सात दिन तक ये लक्षण दिखते हैं।

यह लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से करें संपर्क (If these symptoms appear, contact a doctor immediately) :

  • बार-बार नींद आने पर।
  • 102 डिग्री या उससे अधिक बुखार रहने पर।
  • चार दिन से अधिक समय तक बुखार रहने पर।
  • तेज सिरदर्द के साथ भ्रम की स्थिति बनी रहने पर।
  • मस्तिष्क में सूजन पर उल्टी, सिरदर्द, गर्दन में अकड़न
  • नहाने और दवा लेने के बाद भी शरीर में खुजली रहने पर।
  • फेफड़ों में संक्रमण होने पर सांस लेने में परेशानी और खांसी
  • चकत्तों में तेज दर्द के साथ सूजन और मवाद से भरे फफोले बनने पर।

चिकन पॉक्स के प्रभावित करने वाले कारक (Factors affecting chicken pox in hindi) :

  • जिनके अंग प्रत्यारोपण हुए होते हैं।
  • जिनका कैंसर का इलाज चल रहा होता है।
  • गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को होता है।
  • कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों को अधिक होता है।
  • संक्रमित व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को अधिक होता है।
  • वे लोग जो गंभीर रूप से अस्थमा का शिकार होते हैं।
  • एचआईवी व अन्य क्रॉनिक बीमारियों से ग्रसित को।
  • वे बच्चे या वयस्क जिन्होंने वैरीसेला-जोस्टर वायरस का टीका नहीं लगवाया होता है|

चिकन पॉक्स रोग के निदान ( Diagnosis of chickenpox disease in hindi) :

हेल्दी बच्चों में चिकन पॉक्स के लक्षण बहुत हल्के होते है। चिकन पॉक्स से होने वाले दाने को स्किन पर सामान्य होने में लगभग चार सप्ताह तक लगते हैं। फफोले या जो खरोंच के कारण फट गए हैं उनके निशान शरीर पर कई दिन तक रहते हैं। वैरीसेला-जोस्टर वायरस जब शरीर में प्रवेश करता है तब चिकन पॉक्स(chickenpox) होता है। इस दौरान शरीर एंटी बॉडी का उत्पादन करता है। यह वायरस से लड़ने में मदद करने के साथ शरीर को हेल्दी बनाता है। जिन्हें बचपन में चिकन पॉक्स होता हैं उन्हें बाद में यह समस्या नहीं होती है।

चिकन पॉक्स का इलाज (Chickenpox Treatment in Hindi):

ज्यादातर लोगों में चिकन पॉक्स के हल्के लक्षण देखने को मिलते हैं। वह बिना किसी इलाज के सही हो जाते हैं। कुछ लोगों को उपचार की आवश्यकता होती है। चिकन पॉक्स(chickenpox) एक वायरल संक्रमण है। जिसके इलाज में एंटी बायोटिक्स अप्रभावी होती है। कई डॉक्टर एंटी बायोटिक्स लेने की सलाह देते हैं। कई बार खरोंच के कारण त्वचा संक्रमित होती है। चिकन पॉक्स से पीड़ित व्यक्ति के जबतक पूरे शरीर पर दाने नहीं आते हैं। दो दिन पहले तक वह बहुत ज्यादा संक्रामक होता है। जिन लोगों को चिकन पॉक्स होता है, उन्हें बार-बार हाथ धोते रहना चाहिए। छीकंते या खांसते समय चेहरे को ढंकना चाहिए।स्कूल, ऑफिस और सार्वजनिक स्थान से दूरी बनाकर रखना चाहिए।डॉक्टर के परामर्श के बाद स्कूल या ऑफिस जाना चाहिए। कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। बुखार और दर्द पर एसिटामिनोफेन और दर्द निवारक दवाओं की सलाह दी जाती है। 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दर्द की दवाओं में एस्पिरिन शामिल करने से बचना चाहिए। डॉक्टर खुजली से राहत के लिए एंटीहिस्टामाइन या कैलेमाइन लोशन लिखते हैं। अगर आपके शरीर में दाने उभरने के साथ दानों में दर्द होता है। खुजली के साथ कमजोरी और बुखार है, तो फेलिक्स हॉस्पिटल से संपर्क करने के साथ हमारे फिजीशियन और चाइल्ड स्पेशलिस्ट के साथ एक परामर्श की तारीख तय करें। हमें कॉल करें – +91 9667064100।

चिकन पॉक्स की रोकथाम कैसे करें ?(How to Prevent Chicken Pox in hindi):

चिकन पॉक्स(chickenpox)से बचाव के लिए टीकाकरण जरूरी है। वायरस से दूरी बनाने के लिए वैरिकाला वैक्सीन की दो खुराक दी जाती है। 13 वर्ष से कम के उम्र के बच्चे को पहली डोज जन्म के 12-15 महीने के बीच और दूसरी डोज 4-6 वर्ष की उम्र में दी जाती है। 13 वर्ष से अधिक की उम्र के किशोर जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। उन्हें दोनों खुराक के बीच चार से आठ सप्ताह का अंतर रखना चाहिए। वे महिलाएं जो गर्भधारण की योजना बना रही हैं। उन्हें गर्भधारण करने से 28 दिन पहले तक पहला टीका ले लेना चाहिए। अगर गर्भवती महिला चिकन पॉक्स(chickenpox) से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में होती है तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। तुरंत वैरिकाला-जोस्टर इम्युनोग्लोबुलिन का इंजेक्शन दिया जा सकता है। टीका संक्रमण को रोकने में प्रभावी है। टीका एकमात्र बचाव का तरीका नहीं है। कुछ लोग टीका लगने के बाद भी संक्रमित के संपर्क में आते हैं। उन्हें भी आमतौर पर हल्के लक्षणों का अनुभव होता है। अगर हल्का बुखार, शरीर पर लाल रंग के दाने या छाले होते हैं।

कब होता है एंटीवायरल दवा का उपयोग (When is antiviral medicine used in hindi) :

  • गर्भवती महिला के लिए।
  • कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए।
  • 5-12 वर्ष से अधिक आयु के स्वस्थ व्यक्तियों के लिए।
  • लंबे समय तक स्टेरॉयड थेरेपी कराने वाले लोगों के लिए।
  • लंबे समय से फेफड़े और त्वाच संबंधी समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए।
  • वह एंटीवायरल दवा सबसे प्रभावी होती हैं जो दाने होने पर 24-72 घंटों के भीतर ली जाती हैं।

जीवनशैली में बदलाव से मिलेगा आराम (Changes in lifestyle will provide relief in hindi) :

  • खुजाकर फफोले को फोड़ें नहीं।
  • ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए।
  • खट्टा या नमकीन खाने से बचना चाहिए।
  • बच्चों को खरोंच से रोकने के लिए हाथों पर मोजे लपेट लें।
  • दानों पर आराम के लिए ठंडा और नम कपड़ा रखना चाहिए।
  • डिहाइड्रेशन को रोकने के लिए तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
  • मुंह के छाले से पीड़ित लोगों को नरम, ठंडे खाने का प्रयाग करना चाहिए।
  • बेकिंग सोडा, कच्चे ओटमील के ठंडे पानी से खुजली में आराम मिलता है।

चिकन पॉक्स से होने वाली गंभीर परेशानी (Serious problems caused by chicken pox in hindi) :

चिकन पॉक्स(chickenpox) एक प्रतिशत लोगों को गंभीर शिकायत होती है। वे लोग जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। उन्हें गंभीर परेशानियों को सामना करना पड़ता है। कई बार डिहाइड्रेशन, लिवर की समस्या, ब्लड, स्किन और टिश्यू का बैक्टीरियल संक्रमण, जगह-जगह खून के थक्के बनना, मस्तिष्क की मांसपेशियों का बिगड़ा समन्वय, निमोनिया, इंसेफेलाइटिस, रीढ़ की हड्डी में सूजन की समस्या होती है।

चिकन पॉक्स में आपको क्या खाना चाहिए (Chicken pox me kya khana chahiye in hindi) :

  • ऑयली फूड और ट्रांसफूड का सेवन नहीं करें (Avoid oily and trans food during chicken pox) :

च‍िकन पॉक्‍स के दौरान ट्रांसफैट के ल‍िए मना करते हैं। क्‍योंक‍ि इसे पचाना मुश्‍क‍िल है। ज्‍यादा ट्रांसफैट का सेवन करने से हार्ट ड‍िसीज का खतरा भी बढ़ता है। ट्रांस फैट का सेवन करने से च‍िकन पॉक्‍स को ठीक होने में समय लगता है। (chicken pox me kya khana chahiye in hindi) वह फैल भी सकता है। इसलिए ट्रांसफैट ज्‍यादातर फास्‍ट फूड में होता है। त्‍वचा में सूजन की समस्‍या बढ़ती है। फ्रैंच फ्राइज, पकौड़े, समोसा, कचौड़ी खाने से बचना चाहिए।

  • सोड‍ियम युक्‍त फूड अवॉइड करें (Avoid sodium during chicken pox) :

मसालेदार या ज्‍यादा नमक वाले खाने को अवॉइड करना चाहिए। ज्‍यादा मसालेदार और नमक वाला खाने से मुंह में जलन होती है।च‍िकन पॉक्‍स मुंह में होता है इस कारणतेज दर्द होता है। इसलिए प‍िज्‍जा, बर्गर, च‍िकन, चाइनीज फूड्स का सेवन नहीं करना चाह‍िए।

  • म‍िर्च वाला खाना न खाएं (Avoid spicy food during chicken pox) :

ज्‍यादा म‍िर्च खाने से च‍िकन पॉक्‍स बढ़ सकता है। अर्जीनाइन नाम के एम‍िनो एस‍िड का सेवन अवॉइड करना चाहिए। यह च‍िकन पॉक्‍स के वायरस को बढ़ाता है। म‍िर्च वाले खाने का सेवन ज्‍यादा करते हैं तो च‍िकन पॉक्‍स ठीक होने में समय लगेगा। लाल म‍िर्च, खड़े मसाले, पीनट बटर, ट्री नट्स को अवॉइड करना चाहिए।

  • खट्टे फल न खाएं (Avoid citrus fruits) :

खट्टे फलों को च‍िकनपॉक्‍स के दौरान खाना अवॉइड करना बेहतर है। क्योंकि इन फलों का स्‍वाद खट्टा-मीठा होता है। नींबू, संतरा, ग्रेपफ्रूट, मौसंबी, आम आद‍ि में खट्टापन होता है। च‍िकन पॉक्‍स के दौरान इनका सेवन अवॉइड करना चाह‍िए। इस दौरान मुंह में छाले होते हैं तो फलों में मौजूद एसि‍ड, छालों के दर्द और जलन को बढ़ाता है। इसलिए इनका सेवन नहीं करना चाहिए।

  • ज्‍यादा गरम खाना अवॉइड करें (Avoid hot food during chicken pox) :

ज्यादा गरम खाना अवॉइड करना बेहतर है। इससे मुंह में छाले होते हैं व जलन पैदा करते हैं। च‍िकन पॉक्‍स में होने वाले दाग अंदर भी होते हैं तो गरम-गरम खाना नहीं खाना चाहिए। आइसक्रीम, म‍िल्‍क शेक, दही का सेवन करना चाह‍िए। मीट को अवॉइड करना चाह‍िए। कम फैट वाली चीजों का सेवन करना चाहिए। ऑयली और जंक फूड अवॉइड करना चाहिए। ऐसी चीज का सेवन करें ज‍िसकी तासीर ठंडी मसलन नार‍ियल पानी, दही लस्सी आदि।

  • उचित डायट लें (Take proper diet) :

चिकन पॉक्स(chickenpox) होने पर शरीर में डिहाईड्रेशन हो जाता है। बीमार व्यक्ति को पानी पिलाते रहें। पानी को उबाल कर ठंडा करके सेवन करना चाहिए। नारियल पानी का भरपूर सेवन करें। शरीर को एनर्जी मिलने के साथ पानी की कमी दूर होगी। नारियल पानी में भरपूर विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं जो शरीर के लिए उपयोगी होते हैं। शीतल स्वभाव शरीर की जलन में भी आराम पहुंचाने में मदद करता है। हल्का आहार जैसे फल और हल्का अनाज ही खाना चाहिए। धनिया और गाजर का सूप फायदेमंद होता है। धनिया एक बेहतरीन ऑर्गैनिक कंपाउंड है जिसमें औषधीय गुण शामिल है। धनिया के पत्तों को गाजर के छोटे टुकड़े के साथ उबालकर इन्हें ग्राइंड करना चाहिए। फिर घर में मौजूद हर्ब्स डालकर इसका सेवन करें। केला, सेब व खरबूजे का सेवन करें। सूजी से बनी चीजें भी फायदेमंद हैं। उबली हुई सब्जियों का सेवन करना चाहिए। गाजर, शकरकंद, फलियां , आलू और गोभी खा सकते हैं। दही का सेवन त्वचा के लिए सही है। कैल्शियम और प्रोबायोटिक्स होता है।

निष्कर्ष (conclusion) :

चिकन पॉक्स(chickenpox) वैरिसेला-ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाली एक संक्रामक बीमारी है। वयस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में यह काफी गंभीर हो सकता है। चिकन पॉक्स वैरिसेला ज़ोस्टर वायरस के कारण होने वाला एक बहुत संक्रामक संक्रमण होता है। चिकन पॉक्स का सबसे आम लक्षण तरल पदार्थ से भरे फफोले के साथ खुजलीदार लाल दाने होते है। चिकन पॉक्स(chickenpox) के अधिकांश मामले हल्के होते है। अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन चिकन पॉक्स(chickenpox) की गंभीर जटिलताओं में संक्रमित छाले, निमोनिया और मेनिनजाइटिस शामिल होता है। चिकन पॉक्स(chickenpox) से खुद को बचाने के लिए टीकाकरण सबसे अच्छा तरीका है।

अगर आपके शरीर में दाने उभरने के साथ दानों में दर्द है। खुजली के साथ कमजोरी और बुखार है, तो आप नॉएडा के अच्छे हॉस्पिटल में जनरल फिजिशियन (Best General Physician Hospital In Noida) को दिखा सकते है आज ही फेलिक्स हॉस्पिटल से संपर्क करने के साथ हमारे फिजीशियन और चाइल्ड स्पेशलिस्ट के साथ एक परामर्श की तारीख तय करें। हमें कॉल करें – +91 9667064100

चिकन पॉक्स को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (Frequently asked questions regarding chicken pox in hindi)

चिकन पॉक्स(chickenpox) किस तरह से फैलता है ?

उत्तर : चिकन पॉक्स(chickenpox) संक्रमित बूंद के संपर्क में आने से फैलता है। मसलन खांसने, छींकने, बात करने से लार और बलगम निकलने पर। चिकन पॉक्स(chickenpox) के छाले से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में आने से भी रोग होता है। वायरस दूषित सतह को छूने से फैलता है। मसलन रोगी के बर्तन और व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा करने से होता है।

चिकन पॉक्स(chickenpox) का दाना कब तक बना रहता है ?

उत्तर: चिकन पॉक्स(chickenpox) दाने निकलने से कुछ दिन पहले और जब तक सभी छाले या चकत्ते सूख नहीं जाते तब तक संक्रमण यानी की दाने निकलने के लगभग एक सप्ताह बाद तक बना रहता है। दाने निकलने के एक दिन पहले चिकन पॉक्स(chickenpox) सबसे अधिक संक्रामक बनता है।

चिकन पॉक्स(chickenpox) से पीड़ित बच्चों का इलाज में क्या करना होता है ?

उत्तर: अगर बच्चे को एक्जिमा जैसी त्वचा की समस्या है। तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। जिससे बच्चे के दाने पर कौन सी क्रीम का उपयोग करे इस बारे में पता चल सके। गंभीर संक्रमण वाले बच्चों का इलाज डॉक्टर द्वारा निर्धारित एंटी-वायरल दवाओं से करने की आवश्यकता होती है। बच्चों को चिकन पॉक्स(chickenpox) के संपर्क में आने पर तत्काल एंटी-वायरल दवा की आवश्यकता होती है। चिकन पॉक्स(chickenpox) के कारण उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। किसी भी संभावित जोखिम के तुरंत बाद अपने डॉक्टर से मिलें।

चिकन पॉक्स(chickenpox) कितनी तेजी से फैल सकता है ?

उत्तर: चिकन पॉक्स अत्यधिक संक्रामक होता है। श्वसन बूंदों यानी की लार और बलगम के माध्यम से तेजी से फैलता है। यह बात करते और सांस लेते समय प्रसारित होता हैं। वायरस के संपर्क में आने के 10-21 दिन के बाद लक्षण दिखना शुरू होते हैं।

चिकन पॉक्स(chickenpox) को फैलने से कैसे रोका जा सकता है ?

उत्तर: चिकन पॉक्स(chickenpox) से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के संपर्क से बचना चाहिए। अगर बच्चा चिकन पॉक्स से बीमार है, तो उसे घर पर रखना चाहिए। चिकन पॉक्स(chickenpox) सीधे संपर्क में आने और किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने के अलावा छींकने से निकली संक्रमित बूंद के माध्यम से फैलता है। दूषित वस्तुओं और चिकन पॉक्स(chickenpox) के फफोले के तरल पदार्थ के सीधे संपर्क से भी फैलता है।

यदि आप नोएडा में सर्वश्रेष्ठ अस्पताल की तलाश में हैं, तो फेलिक्स अस्पताल जाएँ या +(91)9667064100 पर कॉल करें।

This post was last modified on November 27, 2024 1:58 pm