टीबी के प्रकार, कारण, लक्षण और उपचार | टीबी में क्या खाना खाएं?

आइये जानते हैं टीबी के लक्षण, कारण और बचाव। यह ब्लॉग यह भी बताएगा कि कौन से खाद्य पदार्थ…

टीबी क्या है? (What is TB in Hindi?)

ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) को टीबी (TB) भी कहा जाता है। इसे क्षय रोग के नाम से भी जाना जाता है, यह एक आक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium Tuberculosis) नामक बैक्टीरिया (Bacteria) के कारण होती है। टिबी (TB) मुख्य रूप से फेफड़ों (Lungs) पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है लेकिन यह शरीर के कुछ अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकती है। फेफड़ों को प्रभावित करने वाली टीबी, टीबी का सबसे आम प्रकार है। जिन लोगों को मधुमेह (Diabetes), एड्स (AIDS) जैसी पुरानी बीमारियाँ (Chronic Diseases) हैं, या जिन लोगों की प्रतिरक्षा कमजोर (Immune System) है, उनमें तपेदिक विकसित होने का खतरा अधिक होता है। कोरोना की तरह तपेदिक भी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। यह खांसी (Cough) या छींक (Sneeze) से फैल सकता है, जब कोई अन्य व्यक्ति अपने आस-पास से इसे सांस लेता है, तो वे भी टिबी से संक्रमित हो जाते हैं। अगर समय रहते तपेदिक की पहचान और इलाज न किया जाए तो यह गंभीर और जानलेवा हो सकता है।

ट्यूबरक्लोसिस के प्रकार (Types of TB in Hindi)

  • पल्मोनरी टीबी (Pulmonary Tuberculosis – TB of the Lungs): यह पल्मोनरी टीबी अक्सर हमारी हड्डियों (Bones) में होती है और यह सबसे सामान्य प्रकार की टीबी है जिससे हमारे लंग्स (Lungs) प्रभावित होते हैं।
  • एक्सट्रापल्मोनरी टीबी (Extrapulmonary Tuberculosis): पल्मोनरी टीबी के क्षेत्र से बहार होने वाला टीबी इस प्रकार की टीबी का मुख्य रूप है। इस प्रकार के टीबी में शरीर के अन्य हिस्से प्रभावित होते हैं , जैसे कि स्पाइन (Spine), किडनी (Kidney), लाइम्फ नोड्स (Lymph Nodes), ब्रेन (Brain), इत्यादि।
  • मिलिटरी टीबी (Miliary Tuberculosis): इसमें बैक्टीरिया (Bacteria) खून (Blood) के संचरण के माध्यम से शरीर के अलग अलग हिस्सों में फैलता है, इसमें छोटे छोटे ग्रैन्युलोमा (Granuloma) बनते हैं जो विभिन्न अंगों को प्रभावित करते हैं।
  • लेटेंट टीबी इन्फेक्शन (Latent Tuberculosis Infection): इसमें व्यक्ति को बैक्टीरिया के संपर्क में आने पर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। इसे छिपा हुआ टीबी (Hidden TB) भी कहा जाता है। टीबी के इस रूप में व्यक्ति अनुक्रमण में नहीं होता, लेकिन भविष्य में यह सक्रिय (Reactivate) हो सकता है।
  • ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी (Drug-Resistant Tuberculosis): टीबी बैक्टीरिया कुछ दवाओं (Medicine) के प्रति रेजिस्टेंस (Resistance) विकसित कर सकते हैं, जिसको ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी (Drug Resistance TB) कहा जाता है। इस प्रकार के टीबी में मल्टीड्रग-रेसिस्टेंट टीबी (MDR-TB) और एक्सटेंसिव्ली ड्रग-रेसिस्टेंट टीबी (XDR-TB) शामिल हो सकती हैं, जो टीबी के और भी जटिल रूप हो सकते हैं।

टीबी होने के लक्षण (Symptoms of TB in Hindi)

क्षय रोग (Tuberculosis), जिसे आमतौर पर टीबी (TB) के नाम से जाना जाता है, एक घातक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Myobacterium Tuberculosis) नामक बैक्टीरिया (Bacteria) के कारण होती है। इस बीमारी से मुख्य रूप से फेफड़े (Lungs) प्रभावित होते हैं लेकिन, यह शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) जैसी बीमारियाँ कुछ ऐसे कारक हैं जो प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को कम कर देते हैं जिससे दवा प्रतिरोध होता है। क्षय रोग (Tuberculosis) (टीबी-TB) दुनिया भर में एक घातक बीमारी बनी हुई है। अगर आप समय रहते इसके लक्षणों को पहचान लें तो आप टीबी से बच सकते हैं।

यदि आप टीबी से पीड़ित हैं, तो आपको निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं जिनमें शामिल हैं-

  • लगातार खांसी (Persistant Cough)- लंबे समय तक चलने वाली खांसी जिसमें खून भी आ सकता है।
  • बुखार (Fever)- टीबी के रोगियों को अक्सर बुखार रहता है जो पूरे दिन रहता है और उच्च तापमान पर रहता है।
  • सीने में दर्द (Chest Pain)- टीबी के मरीज को सीने में भी दर्द महसूस होता है।
  • खांसी के साथ खून आना (Blood with Cough)- टीबी के मरीजों को खांसी के साथ खून आ सकता है।
  • थकान और कमजोरी (Tiredness and Weakness)- टीबी के मरीजों को अत्यधिक थकान महसूस हो सकती है।
  • अनजाने में वजन कम होना (Unintentional Weight Loss) – टीबी के मरीजों को अक्सर अचानक वजन कम होने का अनुभव होता है।
  • बुखार और रात को पसीना आना (Chills at Night While Sleeping)- टीबी से पीड़ित व्यक्ति को सोते समय पसीना आता है।
  • भूख में कमी (Loss of Appetite)- यदि आप टीबी से पीड़ित हैं, तो आपको भूख में कमी का अनुभव हो सकता है।
  • सांस लेने में तकलीफ (Difficulty Breathing)- क्योंकि फेफड़े प्रभावित होते हैं, टीबी के रोगियों को धीरे-धीरे सांस लेने में कठिनाई का अनुभव हो सकता है।

टीबी से पीड़ित व्यक्ति को समय पर इलाज कराना चाहिए अन्यथा यह घातक हो सकता है।

टीबी के कारण (Causes of Tuberculosis in Hindi)

टीबी एक वायुजनित रोग है, यह मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर हवा में निकलने वाले संक्रमित कणों के माध्यम से फैलता है।

  • संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आना (Contact with Infected Person): यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो टीबी का वायरस फैल सकता है।
  • कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Weak Immune System): यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, तो आपको टीबी होने का खतरा अधिक है।
  • उच्च जनसंख्या और गरीबी (High Population and Poverty): क्योंकि गरीब और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच नहीं है, इसलिए उनमें टीबी फैलने का खतरा अधिक है।
  • सावधानी और बचाव (Caution and Prevention): संक्रमण से बचाव के लिए आपको इलाज के लिए तैयार रहना चाहिए और दूसरे लोगों से दूरी बनाए रखनी चाहिए.

टीबी से बचाव (TB Prevention in Hindi)

  • टीबी के खिलाफ टीकाकरण (Vaccination against TB)- बीसीजी टीका टीबी के लिए एक टीका है। यह टीबी से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करता है।
  • टीबी से बचाव के लिए स्वास्थ्य देखभाल(Health care for protection from TB)- यदि आपके परिवार के सदस्यों को टीबी है, तो आपको उनसे दूर रहना चाहिए।
  • शीघ्र चिकित्सा सहायता (Prompt medical attention)- तुरंत चिकित्सा सहायता लें यदि आपको लगता है कि आपमें टीबी के लक्षण हैं, तो इससे टीबी के प्रसार को रोकने में मदद मिल सकती है।
  • स्वच्छता और हाथ धोना (Hygiene and hand washing)- हाथों को साफ रखने से भी बीमारियों को फैलने से रोका जा सकता है।
  • योग और सही आहार (Yoga and appropriate diet)- स्वस्थ आहार और नियमित योग या व्यायाम दिनचर्या आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकती है ताकि टीबी जैसी बीमारियों से बचा जा सके।

टीबी की सावधानियां, रोकथाम और उपचार जानने के लिए किसी पेशेवर की सलाह लेना भी जरूरी है।

टीबी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए (What to Eat and What Not to Eat in Tb in Hindi)

टीबी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए-

  • मांस, अंडे, मछली, दही, पनीर, सोया उत्पाद जैसे उच्च प्रोटीन सामग्री वाले भोजन न करें। तला हुआ खाना खाने से बचें.
  • फल और सब्जियाँ (Fruits and Vegetables)- अपने आहार योजना में सेब, अनार, अमरूद, गाजर, टमाटर, पपीता, आम, लौकी, आलू, गोभी, तुरई, पालक, बैंगन, बथुआ, मेथी सहित अधिकतम सब्जियों और फलों को शामिल करने का प्रयास करें। मसालेदार और तला हुआ खाना खाने से बचें.
  • अनाज Pulses and Grains)- तैलीय और तले हुए अनाज न खाएं। अपने आहार में ब्राउन चावल, मक्का, धुले चने, जौ, जई, गेहूं, बाजरा, रागी शामिल करें।
  • दूध और दूध से बने उत्पाद (Milk and milk products) जैसे छाछ, दूध, दही, पनीर का अधिक सेवन करें। बहुत अधिक मिठाइयाँ, चॉकलेट और अन्य तेजी से असर करने वाली मिठाइयाँ न खाएँ
  • तरल पदार्थ युक्त आहार (Fluid rich diet) – दालें, खीरा, धनिया, नींबू पानी, पुदीना, बेल पत्ती की चाय आदि अधिक खाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) का परमानेंट इलाज संभव है?

हां, टीबी को पूरी तरह से ठीक करना संभव है, लेकिन नियमित और सही दवाओं का पूरा कोर्स करना जरूरी है।

टीबी का इलाज कितने दिन चलता है?

टीबी के इलाज की अवधि अलग-अलग होती है, यह 6 महीने से लेकर 9 महीने तक चल सकती है। अवधि रोग के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करती है।

टीबी की दवा कितने दिन में असर करती है?

दवाओं का प्रभाव संक्रमित व्यक्ति की स्थिति और वह किस प्रकार के टीबी से संक्रमित है, इस पर निर्भर करता है, लेकिन आम तौर पर दवाओं का प्रभाव कुछ हफ्तों के भीतर दिखना शुरू हो सकता है।

टीवी की शुरुआत कैसे होती है?

टीबी आमतौर पर एक वायुजनित बीमारी है जो आमतौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है।

टीबी की लास्ट स्टेज क्या है?

जैसे-जैसे टीबी की अवस्था बढ़ती है, बीमारी गंभीर हो जाती है। बाद के चरणों में यह शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है, जिससे बीमारी का इलाज करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए इसे पूरी तरह से ठीक करने के लिए समय पर उपचार लेना महत्वपूर्ण हो जाता है।

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