द्वंद्व समास का उदाहरण है।

द्वंद्व समास का उदाहरण है।

द्वंद्व समास का उदाहरण है।

द्वंद्व समास के 10 उदाहरण

द्वंद्व समास का उदाहरण है- भूखा – प्यासा

Key Points

द्वंद्व समास जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो, जैसे – अन्न और जल = अन्न-जल, अपना और पराया = अपना-पराया।

द्वंद्व समास के तीन भेद हैं – 1.इतरेतर द्वंद्व, 2. समाहार द्वंद्व, 3.वैकल्पिक द्वंद्व

  1. इतरेतर द्वंद्व – जहाँ दोनों पदों का बराबर महत्त्व होता है। जैसे- माता- पिता खाना खा रहे हैं।
  1. समाहार द्वंद्व – जब सामासिक पद में दो से अधिक समूह का बोध हो। जैसे- हाथ- पाँव बचाकर काम करें।
  1. वैकल्पिक द्वंद्व – दोनों पदों में से किसी एक पद (विकल्प) का अर्थ सही होता है। जैसे- व्यापार में घट- बढ़ हो रही है।

Important Points

समास – समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य ‘संक्षिप्तीकरण’ से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे – राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं –

समास का नाम

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में ‘है जो’, ‘के समान’ आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे।

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

This post was last modified on November 20, 2024 8:45 pm