शरीर में दिखें ये लक्षण तो समझ लें होने वाली है मौत, आसानी से पहचाने जा सकते हैं संकेत

शरीर में दिखें ये लक्षण तो समझ लें होने वाली है मौत, आसानी से पहचाने जा सकते हैं संकेत

शरीर में दिखें ये लक्षण तो समझ लें होने वाली है मौत, आसानी से पहचाने जा सकते हैं संकेत

मौत के 2 लक्षण

Signs of Death: किसी के बारे में निश्चित तौर पर ये बता पाना काफी मुश्किल होता है कि उसकी मृत्‍यु कब होगी. हालांकि, शरीर मौत के कुछ समय पहले से ही संकेत देना शुरू कर देता है. अगर किसी के शरीर में हो रहे बदलावों को ध्‍यान से देखकर लक्षणों को पहचाना जाए तो ये पता चल सकता है कि उसकी मौत होने वाली है. जिस व्‍यक्ति की मौत होने वाली होती है, उसके शरीर, त्‍वचा, आंखों और श्‍वसन तंत्र में तेजी से बदलाव होता है. इनमें कुछ इतने स्‍पष्‍ट होते हैं कि ध्‍यान से देखने पर आसानी से पता चल जाता है कि उसकी मौत होने वाली है. हालांकि, फिर भी ये बताना करीब-करीब नामुमकिन होता है कि मृत्‍यु कब होगी?

अगर किसी व्‍यक्ति की मौत होने वाली है तो वो अपनी आंखों को बार-बार ज्‍यादा समय के लिए बंद करने लगते हैं. वहीं, कई बार उनकी आंखें आधी ही खुली रहती हैं. इसके अलावा ऐसे व्‍यक्ति के चेहरे की मांसपेशियां काफी रिलेक्‍स नजर आती हैं. साथ ही उसका जबड़ा ज्‍यादातर समय हल्‍का खुला रहता है. मरने वाले व्‍यक्ति की त्‍वचा धीरे-धीरे पीली पड़नी शुरू हो जाती है. सांसों के चलने की रफ्तार बदल जाती हैं. वहीं, ऐसे लोग सांस लेते समय ज्‍यादा आवाज करने लगते हैं. हालांकि, कुछ लोगों में इसके उलट बिना आवाज की धीमी सांस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है.

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मृत्‍यु के काफी नजदीक पहुंचने के लक्षण जिन लोगों की मौत बहुत जल्‍दी ही होने वाली होती है वे सांस लेना काफी कम कर देते हैं. कहा जा सकता है कि वे समय-समय पर ही सांस लेते हैं. आपको ऐसा लगेगा कि उन्‍होंने अभी सांस ली और फिर कुछ सेकेंड तक सांस ली ही नहीं. कुछ लोगों के सांस लेने और छोड़ने के बीच इतना अंतराल आ जाता है कि परिजनों को अक्‍सर लगता है कि उन्‍होंने शरीर छोड़ दिया है. लेकिन, जैसे ही वे दोबार सांस लेते हैं तो पता चलता है कि अभी उनका जीवन बाकी है. बिलकुल आखिरी समय में लोग एक मिनट में दो या तीन बार ही सांस लेने लगते हैं. सांस हमेशा के लिए रुकने से पहले कुछ समय तक हर आती और जाती सांस के अंतराल के कारण ऐसा लगता है कि सब खत्‍म हो गया.

हर व्‍यक्ति का अनुभव होता है अलग किसी के लिए भी मृत्यु का पल अक्‍सर बहुत गहरा कष्‍ट देता है. इससे फर्क नहीं पड़ता कि मरने वाला व्‍यक्ति इसकी उम्‍मीद कितने लंबे समय से कर रहा था. हो सकता है कि वह किसी से बात करना चाहता हो या परिवार व मित्रों को कॉल करके उनसे बात करना चाहता हो. कुछ लोग आखिरी समय में बिलकुल अकेला रहना पसंद करते हैं. कुछ लोग उदासी से भरा हुआ महसूस करते हैं. उनके आसपास मौजूद लोगों के लिए ये सोचना भी मुश्किल है कि मरने वाला व्‍यक्ति कैसा महसूस करता है. मृत्‍यु का पल मरने वाले व्‍यक्ति को अचंभित कर देता है. हर व्यक्ति के मरने और शोक का अनुभव अलग होता है.

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करीबियों को कैसा होता है महसूस? किसी व्‍यक्ति के मरने के बाद उसके करीबी लोगों का दुखी होना स्‍वाभाविक प्रतिक्रिया है. किसी की मृत्‍यु पर दुखी होना और रोना बेहद अहम है. यह भावनाओं का बेहद दर्दनाक दौर हो सकता है. हर व्‍यक्ति इसे अलग तरह से महसूस करता है. इसमें सबसे ज्‍यादा जरूरी है कि जब तक पूरी तरह से इससे बाहर ना निकल जाएं, दुखी होने या आंसू निकलना स्‍वाभाविक है और इसे रोकना नहीं चाहिए. अक्सर करीबी व्‍यक्ति के मरने के तुरंत बाद की भावनाएं बहुत दर्दनाक होती हैं. भावनात्मक दर्द के साथ-साथ मरने वाले के करीबियों में कुछ शारीरिक प्रतिक्रियाएं भी हो सकती हैं. ये ऐसी प्रतिक्रियाएं भी हो सकती हैं, जिनका पहले कभी अनुभव नहीं किया गया हो.

कैसे उबरें मौत के सदमे से करीबी? समय के साथ कई लोग अपने करीबी की मौत को स्वीकार करना शुरू कर देते हैं. अलग-अलग समय पर अलग-अलग लोगों को सामान्‍य जीवन में लौटने के लिए तैयार होने जैसा महसूस होने लगता है. हालांकि, इसका ये मतलब बिलकुल नहीं होता कि जल्‍द ही सामान्‍य जीवन में लौटने वाले लोग मरने वाले व्‍यक्ति को भूल गए हैं. दरअसल, ऐसे लोग अपने परिजन की मृत्‍यु को दूसरों के मुकाबले जल्‍दी स्‍वीकार कर लेते हैं. ऐसे लोग धीरे-धीरे मरने वाले व्‍यक्ति के बारे में सोचकर विचलित होना कम कर देते हैं. हालांकि, कुछ लोगों को इस तरह की भावनाओं से उबरने में कुछ महीने भी लग सकते हैं. ऐसे लोगों को ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों से घुलना मिलना चाहिए.

Tags: Health News

This post was last modified on November 20, 2024 10:15 pm