एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (एएलएल)

ल्यूकेमिया
ल्यूकेमिया

कैंसर के सही उपप्रकार का पता लगाने के लिए अतिरिक्त जाँचें

इम्यूनोफिनोटायपिंग

इम्यूनोफिनोटायपिंग का उपयोग विशिष्ट प्रकार के ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) के रोग की पहचान करने के लिए किया जाता है। यह कैंसर कोशिकाओं की तुलना प्रतिरक्षा प्रणाली की सामान्य कोशिकाओं से करता है।

इम्युनोहिस्टोकैमिस्ट्री और फ़्लो साइटोमेट्री लेबोरेट्री में होने वाली जाँच हैं।

इम्युनोहिस्टोकैमिस्ट्री एक ऐसी जाँच है जिसमें ऊतक के नमूने में विशिष्ट प्रोटीनों को दिखाने के लिए एंटीबॉडी का उपयोग किया जाता है। प्रोटीन और एंटीबॉडी के संकुलों पर कत्थई या लाल रंग लगा कर उन्हें माइक्रोस्कोप के नीचे रखकर देखा जा सकता है।

फ़्लो साइटोमेट्री में, कोशिकाओं को एक प्रकाश संवेदनशील डाई से रंगा जाता है, इस डाई को एक तरल में डाला जाता है और धारा के रूप में किसी लेज़र या अन्य प्रकार के प्रकाश के सामने प्रवाहित किया जाता है। यह जाँच कोशिकाओं की संख्या, जीवित कोशिकाओं का प्रतिशत और कोशिकाओं के कुछ लक्षणों, जैसे आकार, आकृति और कोशिका की सतह पर ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) मार्कर की उपस्थिति को मापती है।

सायटोजेनेटिक विश्लेषण एवं आणविक और आनुवंशिक जाँच

चिकित्सक विशिष्ट जीन्स (वंशाणु), प्रोटीन और खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) में शामिल अन्य कारकों की पहचान करने के लिए लेबोरेट्री में जाँच करवाने की सलाह देंगे।

यह महत्वपूर्ण है क्योंकि कैंसर, कोशिकाओं के जीन्स (वंशाणु) में दोषों (उत्परिवर्तन) के कारण होता है। इन दोषों की पहचान करने से खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) के विशिष्ट उपप्रकार रोग की पहचान करने में मदद मिलती है।

इस जानकारी का उपयोग करके, चिकित्सक व्यक्तिगत मामले के अनुरूप इलाज विकल्पों का चयन कर सकते हैं।

जिन बच्चों का खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) अच्छे परिणाम से जुड़े उत्परिवर्तनों को दर्शाता है, वे कम विषाक्त इलाज प्राप्त कर सकते हैं।

चिकित्सक खराब परिणामों के साथ जुड़े उत्परिवर्तनों वाले खून का कैंसर (ल्यूकेमिया) से पीड़ित रोगियों के लिए अधिक गहन इलाज निर्धारित कर सकते हैं।

उन उत्परिवर्तनों की पहचान की जा सकती है, जिनके लिए उस विशिष्ट उत्परिवर्तन का लक्षित इलाज उपलब्ध है।

This post was last modified on November 27, 2024 4:25 pm