शिंगल्स वैक्सीन

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सिंगल्स बीमारी

चेचक-ज़ॉस्टर वायरस, जिसके कारण शिंगल्‍स होता है, वही वायरस है, जिसके कारण चिकनपॉक्‍स होता है। चेचक-ज़ॉस्टर वायरस, हर्पीज़ वायरस परिवार का सदस्य है, इसलिए शिंगल्‍स को कभी-कभी हर्पीज़ ज़ॉस्‍टर भी कहा जाता है। चिकनपॉक्स के ठीक होने के बाद, हर्पीज़-ज़ॉस्टर वायरस शरीर में रहता है। यह वर्षों बाद फिर से सक्रिय हो सकता है और शिंगल्स का कारण बन सकता है, जो दर्दनाक दानें हैं, आमतौर पर शरीर के केवल एक हिस्से पर। कुछ हफ़्तों बाद दाने ठीक हो जाते हैं, लेकिन पोस्टहर्पेटिक न्यूरेल्जिया, जो गंभीर क्रोनिक दर्द का कारण बनता है, महीनों या वर्षों तक रह सकता है। शिंगल्‍स, तंत्रिका तंत्र की खराबी के कारण अन्य समस्याएं (जैसे कि नज़र, सुनने या संतुलन बनाने में समस्याएं) भी पैदा कर सकता है।

शिंगल्स और पोस्टहर्पेटिक न्यूरेल्जिया जो कि शिंगल्स से होने वाली सबसे आम जटिलता है उससे बचाव का अकेला तरीका शिंगल्स टीकाकरण है।

शिंगल्स के टीके में सिर्फ़ गैर-संक्रामक टुकड़े होते हैं (जिसे रिकॉम्बिनेंट टीका कहा जाता है)। इस वैक्सीन में कोई जीवित वायरस नहीं है। एक ऐसा पुराना टीका उपलब्ध है, जिसमें जीवित, लेकिन कमज़ोर वायरस होता है (जिसे लाइव-एटेन्यूएटेड टीका कहा जाता है)। यह अब संयुक्त राज्य अमेरिका में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध नहीं है। नए हर्पीज़ ज़ॉस्टर टीके को पुराने हर्पीज़ ज़ॉस्टर टीके से ज़्यादा पसंद किया जाता है, क्योंकि यह बेहतर और लंबे समय तक सुरक्षा प्रदान करता है।

अधिक जानकारी के लिए, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र का (CDC) शिंगल्स टीकाकरण और रिकॉम्बिनेंट शिंगल्स टीके की जानकारी का विवरण देखें।

चिकनपॉक्स के टीके के बारे में जानकारी के लिए चेचक का टीका देखें। (इम्युनाइज़ेशन का विवरण भी देखें।)

This post was last modified on November 27, 2024 4:50 pm