Sawan 2024: सावन में 72 साल बाद दुर्लभ संयोग, पहले दिन शुभ मुहूर्त में ऐसे करें महादेव की पूजा

Sawan 2024: सावन में 72 साल बाद दुर्लभ संयोग, पहले दिन शुभ मुहूर्त में ऐसे करें महादेव की पूजा

Sawan 2024: सावन में 72 साल बाद दुर्लभ संयोग, पहले दिन शुभ मुहूर्त में ऐसे करें महादेव की पूजा

2024 me sawan kab se hai

Sawan 2024: भगवान शिव को प्रिय सावन का महीना 22 जुलाई यानी कल से शुरू होने वाला है. यह पवित्र महीना 19 अगस्त को समाप्त होगा. इस बार श्रावण मास में पांच सोमवार पड़ेंगे और इसका शुभारंभ भी सोमवार से हो रहा है. कहते हैं कि सावन के सोमवार व्रत रखना बहुत शुभ और फलदायी होता है. अविवाहित कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी और विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं. सावन के सोमवार का व्रत करने से पारिवारिक जीवन में खुशहाली आती है और संतान सुख की भी प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं कि इस वर्ष सावन का महीना क्यों खास रहने वाला है.

72 साल बाद दुर्लभ संयोग सावन में 72 साल बाद दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. इस बार सावन माह की शुरुआत और समापन दोनों ही सोमवार के दिन होंगे. ऐसा दुर्लभ योग 72 वर्ष पहले 27 जुलाई 1953 को बना था. साथ ही, इस बार सावन में 6 शुभ योगों का निर्माण भी हो रहा है. इस साल श्रावण मास में शुक्रादित्‍य योग, बुधादित्‍य योग, नवपंचम योग और गजकेसरी योग बनने वाले हैं. इनके अलावा, कुबेर योग और शश योग का भी निर्माण होगा.

सावन के पहले दिन ही सोमवार और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस योग में सावन का शुभारंभ होना बेहद शुभ माना जा रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग में सावन सोमवार का व्रत रखने से आपको शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होगी. सर्वार्थ सिद्धि योग में रुद्राभिषेक करने और व्रत करने से इच्छित व्यक्ति को अभीष्ट फल की प्राप्ति होगी. पहले सोमवार को प्रीति, आयुष्मान और सर्वार्थ सिद्धि योग भी सावन माह की शोभा बढ़ा रहे हैं.

सावन के सोमवार कैसे करें महादेव की पूजा? सावन के हर सोमवार को उपवास रखें. शिवलिंग पर प्रातःकाल में जल और बेल पत्र अर्पित करें. जल चढ़ाने के लिए ताम्बे से के बर्तन का प्रयोग बिल्कुल न करें. भगवान को फल, फूल, मिठाई, धूप और कर्पूर अर्पित करें. नित्य प्रातः शिव पंचाक्षर स्तोत्र या शिव मंत्र जाप करें. इसके बाद ही जलपान या फलाहार करें. अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं तो सावन का महीना इसके लिए सबसे उपयुक्त है.

महादेव की पूजा का शुभ मुहूर्तअमृत (सर्वोत्तम)- सुबह 5 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 20 मिनट तकशुभ (उत्तम)– सुबह 9 बजकर 2 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 45 मिनट तकशाम का मुहूर्त– शाम 5 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 35 मिनट तक

सावन में शिव पूजन के लाभ सावन में भगवान शिव की पूजा अविवाहित लोगों के लिए विशेष फलदायी मानी जाती है. जिन लोगों की कुंडली में आयु भाव कमजोर होता है, उन्हें भी आयु रक्षा का वरदान मिल सकता है. सावन में शनि की पूजा सबसे ज्यादा फलदायी होती है. इस महीने कुंडली के तमाम दोषों को शांत किया जा सकता है. जैसे- ग्रहण दोष, राहु दोष, गुरु चांडाल दोष आदि. पूरे साल में सर्प पूजा भी सिर्फ इसी महीने में हो सकती है.

सावन के महीने की महिमा सावन का महीना हिंदुओं के पवित्र चातुर्मास में से एक माना जाता है. इस महीने का संबंध पूर्ण रूप से शिवजी से माना जाता है. इसी महीने में समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था. हलाहल विष के पान के बाद उग्र विष को शांत करने के लिए भक्त इस महीने में शिव जी को जल अर्पित करते हैं. कहते हैं कि पूरे वर्षभर पूजा करके जो फल पाया जाता है, वह फल केवल सावन में पूजा करके पाया जा सकता है. तपस्या , साधना और वरदान प्राप्ति की लिए यह महीना विशेष शुभ है.

This post was last modified on November 19, 2024 4:00 pm